
मां का कलेजा
की कहानी तो आपने सुनी होगी। अब देखिए इस मां को
मौत के मुहाने पर खड़ी है, आईसीयू कलवा थाने महाराष्ट्र में हैं। मैं उनकी देखभाल दवा कर रहा हूं। सगे तीन बच्चे आने को तैयार नहीं।
इस परस्थिति में भी पति की बीएमसी की नौकरी सौतेले बेटे को ही मिले इस तरह का पेपर बनवाकर हमे आज भाईखल्ला के पास की ऑफिस में जमा करने का अश्रुपूर्ण निवेदन की है। और मैं आज वहा जाकर उनके द्वारा हस्ताक्षरित एफिडेविट व प्रार्थना पत्र जमा कर दिया। कुछ अधिकारियों का नंबर भी लाया हूं आपके एक कॉल से ज्योति की पेंशन चालू करके अधिकारी हॉस्पिटल तक पहुंचा सकते है, यदि आप कोसिस करें तो।
ज्योति देसाई न्यूमोनिया से पीड़ित हैं। 10 अप्रैल 2023 को उनका छोटा बेटा वाडा पालघर से लाकर हमारे दिवा के न्यू बालाजी हॉस्पिटल में एडमिट कर के चले गए। दो तीन दिन के इंतजार के बाद हॉस्पिटल ने बहुत कॉल किया पर बेटा के अलावा और कोई भी रिश्तेदार ना ही आया ना ही कोई रिस्पांस दिया।
19 अप्रैल को उनकी ज्यादा तबियत खराब होने पर एंबुलेंस में लेकर कई हॉस्पिटल में कोशिश किया पर लावारिश के नाते किसी ने एडमिट नही किया। टेलीफोनिक इंफॉर्मेशन पुलिस व सीएमओ को देकर हमने उन्हें कलवा शिवाजी हॉस्पिटल लेकर गए। बहा पर भी रिलेटिव का ही इश्यू आया। इमरजेंसी की वजह से हमारे सिग्नेचर व रिस्क पर उनको एडमिट किया गया।
दो दिन बाद पुनः एस्थेमेटिक अटैक की वजह से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। कल उनका एचआरसीटी हूवा है। उनका छोटा बेटा कल आया पर घर की चाभी, व कब तक बचेंगी जैसा सवाल करके चला गया। हमने डॉक्टर से एमएलसी की बात की है और एक प्रार्थना पत्र कमिश्नर थाने, डीसीपी मुंब्रा, वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर मुंब्रा व दिवा चौकी को भेजवा दिया है ताकि वक्त जरूरत पर हमे मदद करे। तन मन धन से हम और हमारा बालाजी हॉस्पिटल के स्टाफ लावारिश ज्योति मैडम की देख भाल कर रहे है और यथा संभव उनकी सेवा कर रहे है। पैसा खर्चा कर रहे व सबसे मदद की गुहार कर रहे हैं।
आप भी इस पुण्य कर्म के सहभागी बने व मदद करें : 9234189507
Subscribe to my channel
